मर्यादा पुरुषोत्तम थे रघुवर, पर नारी को अग्नि कसौटी तोला! मर्यादा पुरुषोत्तम थे रघुवर, पर नारी को अग्नि कसौटी तोला!
अपने जीवन की सारथी मैं स्वयं अपनी सीमाएं तय करूंगी। अपने जीवन की सारथी मैं स्वयं अपनी सीमाएं तय करूंगी।
नारी से है अस्तित्व मिला सह दर्द को उसने जन्म दिया। नारी से है अस्तित्व मिला सह दर्द को उसने जन्म दिया।
की नारी ही तो हैं फरिश्ता तो नहीं। डर लगता है मुझे भी ! की नारी ही तो हैं फरिश्ता तो नहीं। डर लगता है मुझे भी !
ऐ नारी तेरी जुदा सी कहानी जन्म के पहले ही तूने कितनी झेली परेशानी ! ऐ नारी तेरी जुदा सी कहानी जन्म के पहले ही तूने कितनी झेली परेशानी !
"इस तन पर सजती दो आँखें बोलो किस से ज्यादा प्रेम करोगे! "इस तन पर सजती दो आँखें बोलो किस से ज्यादा प्रेम करोगे!